सामाजिक आक्रोश

यादें
कैलाश सर नियत समय पर होटल पहुँच गए थे। पर उनकी कैरियर सेवा शाला के विद्यार्थी नहीं आए थे। शून्य में निहारते बीते दिनों की यादों में खो गए ------ परमाणु ऊर्जा विभाग से सेवानिवृत्ति , विधुर , इकलौती सन्तान बेटी का भी विवाह हो गया। अकेलेपन को दूर करने , प्रबंधन की शिक्षा का सदुपयोग करने हेतु  , कैरि…
September 13, 2019 • रमेश चंद्र छबीला
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